ये जमीं तब भी निगल लेने को आमादा थी, पाँव जब टूटती शाखों से उतारे हमने, कैफी आजमी
आज की रात बहुत गर्म हवा चलती है, आज की रात न फ़ुटपाथ पे नींद
आज की रात बहुत गर्म हवा चलती है, आज की रात न फ़ुटपाथ पे नींद
विकासनगर के मुख्य ट्रस्टी स्वामी वेद भारती जी से ओशो रजनीश की मुख्य विचारधारा को
५ अगस्त, काठमांडू– रोटरी क्लव ललितपुर मिडटाउन ने शताब्दी पुरुष डा. सत्यमोहन जोशी का अभिनन्दन
हिमालिनी अंक जुन २०१९ |तारानन्द मिश्र वरिष्ठ पुरातत्वविद् हैं, नेपाल की ऐतिहासिक वस्तुस्थिति, राजनीतिक इतिहास और
डा. दीप्ति की कविताओं में एक अलग टीस है जिसे पाने और खोने दोनों शर्तों.पर
हिन्दी को संपर्क भाषा के रूप में मेरा समर्थन हिमालिनी, अंक मई 2019 । नेपाल
जन्मदिन विशेष डा श्वेता दीप्ति हिन्दी के आधुनिक कबीर नागार्जुन की कविता के बारे में
एक चाहत खुद के नाम अपने जन्मदिन पर आज के दिन लगता है ख़ुद को,
आज बाबा नागार्जुन का जन्मदिन है और इस मौके पर हम उनकी जीवनी ‘युगों का यात्री’ का
रूढ़िवाद एवं आडंबरों पर करारी चोट करने वाले सन्त कबीर की वाणी आज भी
सुरुर बाराबंकवी और कोई दम की मेहमाँ है गुज़र जाएगी रात ढलते ढलते आप-अपनी मौत
मुझे विद्रोही करार देते हुए शिकायत पत्र में यह भी लिखा गया था कि वह
हे पार्थ ! मोह तजो गाण्डीव उठाओ………. प्रदीप बहराइची भय- पाप से व्याकुल धरती,अपनी धुरी
20 मई जन्मदिन विशेष डा श्वेता दीप्ति ‘वियोगी होगा पहला कवि, आह से उपजा होगा
पुण्यतिथि विशेष 19 मई हिंदी साहित्य के पुरोधा आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी का हिन्दी साहित्य
कबीर दास जी के जन्म के संबंध में अनेक किंवदन्तियाँ हैं। कबीर पन्थियों की मान्यता
असरारुल हक मजाज़ या मजाज़ लखनवी (जन्म: 19 अक्तूबर 1911—देहांत: 5 दिसंबर 1955) तत्कालीन साहित्य
मैं उस वक्त जिस दुकान में जाकर १० हजार रुपयों की साडि़यां मांग करता था,
मातृ दिवस पर मुनव्वर राणा की कविताएँ माँ / भाग १ हँसते हुए माँ बाप
गंगा सप्तमी पर संजय कुमार सिंह जी की कुछ कविताएँ । नमामि गंगे संजय सिंह
उर्दू के प्रसिद्द कवियों में से एक कवि दाग देहलवी जिनका वास्तविक नाम नवाब मिर्ज़ा
हिमालिनी, अंक मार्च 2019 |‘दीक्षित परिवार’ का नाम नेपाल में सम्मान के साथ लिया जाता
शक्ल तो आपके भी ज़हन में होगी कोई कभी बन जाएगी तसवीर, बनाते रहिए
लालू यादव एक करिश्माई राजनेता रहे हैं. उनका यह करिश्मा सिर्फ बिहार तक सीमित नहीं
लेखिका: डॉ मुक्ता प्रकाशन: पेसिफिक बुक्स इंटरनेशनल मूल्य: 220 पृष्ठ: 128 समीक्षक डॉ बीना राघव
आजकल मैं सोचता हूँ साँपों से बचने के उपाय रात और दिन खाए जाती है
नेपाल के हिन्दी साहित्य जगत में कवि बसन्त चौधरी की कविताएँ एवं गजल एक नया
पुण्य तिथि पर डा श्वेता दीप्ति नेपाल को केन्द्र में रखकर रेणु ने तीन रिपोर्ताज
प्यार का जश्न नई तरह मनाना होगा ग़म किसी दिल में सही ग़म को मिटाना
बे-नकाब उन की जफाओं को किया है मैं ने वक्त के हाथ में आईना दिया
उनका असली नाम रामनाथ सिंह था. लेकिन सबने उन्हें ‘अदम गोंडवी’ के नाम से ही
आधुनिक उर्दू ग़ज़ल के संस्थापकों में से एक। भारत के शहर अंबाला में पैदा हुए
बहुत कम उम्र में दुनिया से चली गईं दुनिया की मशहूर शायरा सैयदा परवीन। परवीन
अग्नि में बैठकर अपने आपको पतिप्राणा प्रमाणित करने वाली स्फटिक सी स्वच्छ सीता में नारी
अनवर जलालपुरी ऐसी दुनिया का ख़्वाब देखते थे, जिसमें ज़ुल्म और दहशत की जगह न
फ़ैज अहमद फ़ैज का शुमार एशिया के महानतम कवियों में किया जाता है। वे विचारों
‘एक जमाने से उर्दू का समझते हैं मुझे/एक मुद्दत से मैं हिंदी में गजल
दिग्गज कवि अवतार सिंह संधू उर्फ पाश की आज पुण्यतिथि है. वैसे तो वह पंजाबी
इस क़दर मुसलसल थीं शिद्दतें जुदाई की आज पहली बार उस से मैं ने बेवफ़ाई
परिवर्तन के नाम में हमारे यहां जो विकृतियां दिखाई दे रही है, उसके प्रति मैं
आज विश्व कविता दिवस है। जैसे ‘प्रेम’ या ‘मृत्यु’ का सिर्फ एक दिन नहीं होता,
दिल मेरा तोड़ते हो, लो तोड़ो चीज मेरी नहीं, तुम्हारी है। डॉ. राहत इंदौरी उर्दू
जाँ निसार अख़्तर उर्दू शायरी के मशहूर और मारूफ शायर हैं , जो कि तरक्की
मुस्तफा जैदी मोहब्बत के बड़े फनकार माने जाते हैं। उर्दू के एक प्रगतिशील शायर थे।
अहमद फ़राज़ उर्दू अदब की मक़बूल हस्तियों में से एक हैं जो मुशायरों की जान
आधुनिक उर्दू शायरी के सबसे लोकप्रिय शायरों में से एक फिराक गोरखपुरी का मूल नाम
अलहदा शायर ‘नूह नारवी’दाइश नारा (इलाहाबाद के निकट एक छोटा सा शहर) के एक जागीरदार
गोपाल दास नीरज. कविता और गीतों के पन्नों पर दर्ज वो नाम जो आधी सदी
अपने गीतों और गजलों के माध्यम से पूरी दुनिया को दिशा दिखाने वाले प्रख्यात शायर
गोपाल सिंह नेपाली (Gopal Singh Nepali) का 11 अगस्त 1911 को बेतिया, पश्चिमी चम्पारन (बिहार) में
गुलज़ार जी का नाम हिंदी व उर्दू जगत में कौन नहीं जानता इनका पूरा नाम
अच्छा है दिल के साथ रहे पासबान-ए-अक़्ल लेकिन कभी कभी इसे तन्हा भी छोड़ दे
साहिर लुधियानवी : जिसने अपना हर इश्क़ अधूरा छोड़ा, शायद इसलिए कि वह साहिर बना
दिवस खरीदे मजदूरी ने मजबूरी ने रात शाम हुई नीलाम थकन
शहरयार की शायरी और शहरयार की शख्सियत दोनों एक-दूसरे के उलट हैं। तमाम इंसानी कमजोरियों
कम लोग जानते हैं कि मीना कुमारी के अदाकारी के साथ एक शायराना मिज़ाज भी
ग़ज़ल अगर इशारों की कला है तो मान लीजिए कि राहत इंदौरी वो कलाकार हैं
पथ में साँझ पथ में साँझ पहाड़ियाँ ऊपर पीछे अँके झरने का पुकारना । सीकरों
२० फरवरी हिंदी के प्रख्यात आलोचक और साहित्यकार नामवर सिंह का दिल्ली के एम्स अस्पताल
वसीम बरेलवी उर्दू के लोकप्रिय शायर हैं और आम से लेकर ख़ास तक सभी उनके
वैसी कविता जो मन को आंदोलित कर दे और उसकी गूंज सालों तक सुनाई दे.
अवाम के शायर फैज अहमद फैज का नाम उर्दू कविता और शायरी में बड़े ही
अमृता प्रीतम मोहब्बत जिस राह से गुजर कर आई है.. बहुत बार प्रेम की अतृप्ति
अवाम के चहेते शायर बशीर भद्र के शेर जिसे भारतीय संसद में मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी