मांग सम्बोधन किए बिना सरकार में शामिल नहीं होंगे : राजेन्द्र महतो
हिमालिनी, मई अंक २०१८ | आज राजपा के सामने मुख्यतः दो कार्यनीति है । प्रमुख कार्यनीति
हिमालिनी, मई अंक २०१८ | आज राजपा के सामने मुख्यतः दो कार्यनीति है । प्रमुख कार्यनीति
नागरिक अभिनन्दन के दौरान उनके सम्बोधन ने बड़ी गहराई से नेपाल और भारत के रिश्तों के
राज्य की बदनीयत दृष्टि हमेशा जनकपुरधाम पर रही है । जबकि जनकपुरधाम का नाम नेपाल में
अपने परिवार के परम आदरणीय एवं पूजनीय वृद्ध माता–पिता की सेवा से बढ़ कर और
नेताओं के संरक्षण बिना सिर्फ कर्मचारी और व्यापारियों से इस तरह की तस्करी सम्भव नहीं
ठंडे पड़े रिश्तों में गर्माहट के आसार सम्पादकीय, हिमालिनी, मई अंक 2018 । भारतीय
नेपाल की एकमात्र आवश्यकता है विकास और इसके लिए इसे हर दिशा से प्रयास करना
हिमालिनी, अप्रैल अंक, २०१८ | कल तक हम लोग राजा को गाली देते थे । नेताओं
आज हम लोग विकास की बात कर रहे हैं । ‘विकास’ शब्द के प्रति हिटलर भी
चाहे नेपाल हो अथवा भारत, दोनों की प्राथमिकता आज विकास ही है । लेकिन विकास कैसे
कवि हृदय बसन्त चौधरी ! जिन्हें जितना मैंने जाना, व्यापारी व्यक्तित्व में एक मासूम दिल,
हिमालिनी अप्रैल अंक, २०१८ | मित्रता और सुन्दरता का अन्त कभी भी नहीं होता । अर्थात्
हिमालिनी अप्रैल अंक, २०१८ | चुनौती के बीच में ही अवसर और सम्भावना होती है ।
हिमालिनी अप्रैल अंक ,२०१८ | हमें लगता है कि वर्तमान सरकार की प्राथमिकता और चुनौती
वास्तव मे कहा जाय तो नेपाल मे समावेशी, समानुपातिक और आरक्षण व्यवस्था का चीरहरण किया
ई. सन्तोष पोखरेल सूनी राह है असमन्जस में हर निगाह है असमन्जस में मैं तीरन्दाज
आरती आलोक वर्मा खुशी धड़कनों को हवा कर रही है तेरी आरजू की दुआ कर रही है ।। ये दुनिया भी
जीवन का एक कटु सत्य और हमारी खामोशी । एक दिन जब हमारे हाथों से सब
इस देश में मधेशियों को नागरिकता देते समय अनेक बखेड़ा किया जाता है । उन के
हिमालिनी, अप्रैल 2018 अंक । इस वर्ष विश्व हिन्दी दिवस पर भारतीय दूतावास द्वारा आयोजित
किसी भी व्यक्ति की पहचान उसके व्यक्तित्व से होती है । प्रभावशाली व्यक्तित्व वालों की ही
इतना महान आन्दोलन के वाद माओवादी भटक गया,समाजवादी कांग्रेस खस वाद में अटक गया, साम्यवादी
मधेश के २२ जिलों से एकमुष्ट उठने वाले विरोध के स्वर को अब छिन्न भिन्न
रिश्तों पर पड़ी धूल हटने की उम्मीद हिमालिनी, सम्पादकीय , अप्रैल अंक २०१८ | राजनीतिक
संजीव निगम , हिमालिनी, अप्रैल अंक , २०१८ | रेल की पटरी से हमारे घर
हिमालिनी , अप्रिल अंक २०१८ | ‘वसंत’! नाम का असर कुछ ऐसा कि, चेहरे पर
नारी तुम केवल श्रद्धा हो, विश्वास रजत नग पग तल में पीयूष स्रोत सी बहा
समाज में महिलाओं को सम्मान देने के लिये माँ, बहन, पुत्री, पत्नी के रुप में
इतिहास देखते हैं तो पता चलता है कि जनता के वोट से निर्वाचित हमारे अधिकांश
तकरार चाहे जितने भी हो जाय वास्तविक सच्चाई यही है कि, दोनों देशों के रिश्तों
हिमालिनी, मार्च अंक, 2018 । माओवादी आन्दोलन के जग में ‘प्रचण्ड’ के नाम राजनीति में
जब भी कोई नारी पुरुषों की ज्यादती की शिकार हुई है, तो पहला सवाल नारी
पुरानी सोच त्याग करें, नया नेपाल का निर्माण अवश्य होगा नश्लीय चिन्तन को हटाते हैं
भगवान शिव अनादि देवता हंै, ये अत्यन्त महिमाशाली एवं रहस्यमय देव हैं । शिव अपनी
डा.श्वेता दीप्ति, काठमांडू | नेपाल यात्रा में आईं हुई कात्यायनी जी से मिलने का सुअवसर
‘भारत के साथ मित्रवत संबंध विस्तार के अलावा कोई विकल्प नहीं’ काठमाडू, २८ मार्च ।
हमेशा संघीयता का विरोध किया, जो यह कहता आया है कि संविधान का संशोधन देश
सही काम करने वाले समझते हैं, उन्हें सब अच्छा ही कहेंगे । समझना कुछ बुरा
सात प्रदेश में से सिर्फ एक प्रदेस में मधेसी दलों का बहुमत और मुख्यमंत्री है
मिथिलेश आदित्य चल रहा हूँ मैं अकेले जिन्दगी की राह में, जैसे कोई डूबता हो
अयोध्यानाथ चौधरी मेरी ख्वाहिश है तुझे छू लूँ मैं पर मयस्सर तो नहीं मेरी नजरें
राम यादव अप्रैल २००६ तक नेपाल संसार का एकमात्र हिंदू राष्ट्र हुआ करता था ।
सलमा खातुन पूर्व पत्रकार हैं, वीरगंज स्थित ठाकुरराम बहुमुखी कैम्पस में स्नातक तह में अध्ययन
कृषि मूलश्च जीवनम् संपूर्ण मानव जीवन का मूल आधार कृषि है । खाने पीने का
श्री अशोक टेमानी ‘नेपाल उद्योग वाणिज्य महासंघ’ के कार्यकारिणी सदस्य, ‘सड़क एवं पारवहन संघ’ के
-लक्ष्मी जोशी जिन्दगी तू इतनी दुखी नहीं होती इतने तनाव में नहीं होती इतने अभाव
-डॉ. अरुण जिसने झेले दुःख जीवन में, जिसने सह ली पीर ! वही बनी है
-कीर्ति श्रीवास्तव आज जहां मैं खड़ी हूँ वहां से सूनी राह दिख रही है हाँ
माननीय अशोक वैध नेपाल के औद्योगिक नगरी बीरगंज के जाने माने प्रतिष्ठित उद्योगपति हैं
रास्तों पर चलना आसान होता है । उन्हें बनाना मुश्किल । इसलिए दूसरा विकल्प चुनने
अछुतम कुमार अनन्त | परिणाम ने बता दिया कि नेपाल में बाम गठबंधन अब सत्ता
भाषा हमारी, तथ्यांक आप का… ? बोलते मधेशी हैं, और हिसाब आप का कैसे ?
शहीद कौन है ? क्या राजनीतिक पार्टी और उनके नेताओं की स्वार्थ में सरकारी सुरक्षाकर्मियों
अब तो स्पष्ट है कि देश में पाँच वर्ष तक बामपन्थी राजनीतिक दलों की नेतृत्व
भारतीय विदेशमंत्री सुषमा स्वराज फरवरी माह के आरम्भ में जब अचानक काठमाण्डौ स्थित त्रिभुवन अन्तरराष्ट्रीय
नेपाल भारत के संबंध में आए तनाव की बात है तो इसकी एक वजह मधेश
पूर्वाग्रह से ग्रसित विचार और वर्चस्व की भावना, कभी–कभी गम्भीर परिस्थितियाँ और परिणाम को जन्म
विनोदकुमार खड्का की राजनीतिक यात्रा वि.सं. २०३८ साल से शुरु हुई है । वामपन्थी विचार
मैं खुद ही रोती हूँ और खुद ही चुप हो जाती हूँ । क्योंकि चुप
किसी वक्त संविधान के प्रस्तावना से ले कर अनुसूची तक संशोधन के लिए आवाज उठाने
संविधान सम्मत तथ्य है कि नेपाल एक राज्य तो है लेकिन एक ही राष्ट्र नहीं
सर्वोच्च अदालत के पूर्व न्यायधीश माननीय गिरीश चन्द्र लाल जी के नेतृत्व मे प्रधानमन्त्री को
वामगठबन्धन की बैचेनी अब भी शांत नहीं हो पा रही है और वो रोज निर्वाचन
लक्ष्मणलाल कर्ण सांसद लक्ष्मण लाल कर्ण ने कहा, ठोड़ी हालात पर्सा के अन्य जगह से