लोकतंत्र को हाँकती लाठियां : अनूप मणि त्रिपाठी
बापू अचानक थाने आये। उनको पकड़कर लाया नहीं गया था, वे खुद आये थे।
बापू अचानक थाने आये। उनको पकड़कर लाया नहीं गया था, वे खुद आये थे।
बिम्मी कालिन्दी शर्मा, बीरगंज हिमालिनी अंक जून।इस देश की सरकार विकास के मामलें में सभी
“विभिषण” बिम्मी कालिन्दी शर्मा, बीरगंज (व्यंग्य) । विभिषण घर का भेदी नहीं था, वह तो
बिम्मी कालिन्दी शर्मा, बीरगंज (व्यंग्य) l ईस देश में जितने उद्योग धंदे नहीं है उस
’व्यग्ंय’ बिम्मी कालिन्दी शर्मा, बिरगंज । बच्चा जैसे ललीपप चूस कर खुश होता है वैसे
‘ऐ महाराज, ई तक्षशिला वाला भूगोल मत पढाईए न हमको। देश पहले से ही आपके
बिम्मी कालिन्दी शर्मा,( व्यंग्य ) बिरगंज । हम सभी परिवार की खुशी और स्वास्थ्य के
“अर्धांगन” बिम्मी कालिन्दी शर्मा, वीरगंज, पति का आधा हिस्सा है पत्नी ईसी लिए उस को
व्यग्ंय लेख: बिम्मी कालिन्दी शर्मा, । मन न मिले खेत बाँझ रह जाए कोई बात
बिम्मी कालिन्दी शर्मा, वीरगंज । आम का मौसम आ गया मतलब यह ‘आम’ नहीं खास
” बेईमानी का कैक्टस” ! बिम्मी कालिन्दी शर्म, वीरगंज, (व्यंग्य) । सरस्वती नदी पहले ईसी
बिम्मी कालिन्दी शर्मा, वीरगंज, (व्यंग्य) । पता नही सब बुद्ध बनना क्यों चाहते हैं ?
चुनावी दंगल, व्यग्ंय: बिम्मी कालिन्दी शर्मा, वीरगंज, चुनाव सर पर है, सब को चुनाव का
बिम्मी कालिन्दी शर्मा, बीरगंज, 3 मई (व्यंग्य)। बैशाख का महिना है और चुनाव भी ईसी
बिम्मी कालिन्दी शर्मा, बिरगंज, हिमालिनी अंक मार्च ।भारत के उत्तराखंड मे समाजसेवी पर्यावरण वादी सुंदरलाल
व्यग्ंय-बिम्मी कालिन्दी शर्मा, वीरगंज, चूना लगाने या लगवाने का मौसम फिर से आ गया है
बिम्मी कालिन्दी शर्मा, वीरगंज । देश में बहुत सारे और बहुत किस्म के बैंक तो
कालिन्दी शर्मा, वीरगञ्ज व्यग्ंय लेख । अभी के समय में कोई भी और कोई ‘बुक’
बिम्मी कालिन्दी शर्मा, बिरगंज । राजनीति मे अनेक करिश्मा होते ही रहते है । नेपाल
औरत दिनभर घर का करे और रातभर पति नाम का मर्द उसके साथ ‘हराम’ कर
बिम्मी कालिन्दी शर्मा, व्यग्ंय , बिरगंज । राजनीति के जंगल मे बहुत सारे रंग के
मदारी तो सरकार है जो डमरु बजा कर अपने जमूरे खायल निगम को ताली पीट–पीट
बिरगंज, (व्यग्ंय) बिम्मी कालिन्दी शर्मा । आज नारी दिवस है पर यह नारी दिवस कम
व्यंग्य-लेख:- बिम्मी कालिन्दी शर्मा, बहुत लोगो को गर्भानुभूति होती है । गर्भ खालि है फिर
बिम्मी कालिन्दी शर्मा, बीरगंज, (व्यंग्य)| अभी नेपाल नाम का यह देश मसान घाट हो गया
व्यंग्य -बिम्मी कालिन्दी शर्मा, बिरगंज। कमल तो किचड में ही खिलता है पर ईस बार
व्यगंय-बिम्मी कालिन्दी शर्मा, वीरगञ्ज। फरवरी के महिने में सब को प्यार का खुमार चढता है
व्यगंय-बिम्मी कालिन्दी शर्मा, वीरगंज, हम सब वह ईमानदार है जिन्हें अभी तक बेईमानी का अवसर
बिम्मी कालिन्दी शर्मा, बिरगंज । (व्यंग्य) । महात्मा गांधी के मुंह मे हर समय ‘हे
अपराध भाव आकाश और अभिषेक दोनों सहकर्मी थे। दोनों परम मित्र
व्यग्ंय- बिम्मी कालिन्दी शर्मा, बिरगंज । ईस देश मे सिर्फ मकर संक्रांति के दिन ही
“सलामी” व्यगंय….बिम्मी कालिन्दी शर्मा, बिरगंज । ईस देश के मंत्री जितने मजे से घूष खा
बिम्मी कालिन्दी शर्मा, (व्यंग्य) । देश टोपीमय है । हर कोई टोपु पहन कर खुद
व्यंग्य….. बिम्मी कालिन्दी शर्मा । जब किसी राजनीतिक पार्टी पर सिद्धांत हावी न हो कर
(व्यग्ंय) बिम्मी कालिन्दी शर्मा, बीरगंज। न्याय का तराजु डांवाडोल है । बेचारा अदालत अपने उपर
व्यग्ंय….. बिम्मी कालिन्दी शर्मा । बडबोला पन का हद पार कर दिया केपी ओली और
बिम्मी कालिन्दी शर्मा, बिरगंज ( व्यंग्य) । अपने तीन साल के कार्यकाल के दौरान ओली
गाली की वर्णमाला का पहला ककहरा है ‘साला’ शब्द की गाली । यह बीबी का
बार्दली से बोतल तक…..क्या से क्या हो गया …… बेवफा सियासत तुने यह क्या किया…….
बिम्मी कालिन्दी शर्मा, (व्यग्ंय) बीरगंज । प्रदेश नंबर २ के सरकार ने पुत्र कि लंबी
बिम्मी कालिन्दी शर्मा, वीरगञ्ज । राजा का जमाना गया श्रीपेच का जमाना आ गया ।
हम यह भूल जाते हैं कि वह हमारे भविष्य से पहले अपना वर्तमान देख कर
चुनाव की घोषणा हो चुकी थी। सीट बंटवारे की पहली लिस्ट पार्टी जारी कर चुकी
व्यङ्ग्य पेट में क्वारेन्टाइन घटना आज प्रात:काल की है, सरकारी अस्पताल की है , डाक्टर